लॉकडाउन अवधि के दौरान 300 करोड़ रुपये के मूल्य के 15 लाख से अधिक एईपीएस डाक सेवा सौदे- संजय धोत्रे
20 अप्रैल, 2020 तक लाॅकडाउन की अवधि के दौरान 2100 करोड़ रुपये के बराबर के 84 लाख आईपीपीबी सौदों सहित 28000 करोड़ रुपये के मूल्य के लगभग 1.8 करोड़ डाक कार्यालय बचत बैंक लेनदेन किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 135 करोड़ रुपयेके बराबर के 4.3 लाख एटीएम लेनदेन देश भर में किए जा चुके हैं।यह जानकारी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान डाक विभाग द्वारा की गई अभिनव पहलोंकी समीक्षा संचार एवं मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने वीडियो कांफ्रेंसके जरिये एक बयान में दी।
उन्होंने बताया कि इंडियापोस्ट पेमेंट बैंक की आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) दरवाजे तक किसीभी अनुसूचित बैंक में पड़े खातों से धन की निकासी में सक्षम बनाती है। इस अवधि के दौरान 300 करोड़ रुपये के मूल्य के 15 लाख एईपीएस लेनदेन किए गएहैं। लाॅकडाउन अवधि के दौरान 480 करोड़ रुपये के लगभग 52 लाख प्रत्यक्ष लाभहस्तांतरण भुगतान किए गए हैं। आधार सक्षम भुगतान प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अतिरिक्त बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और पेंशन धारकोंके लिए काफी मददगार साबित हो रही है।
श्री संजय धोत्रे को ग्राहकों को अनिवार्य वस्तुओं की प्रदायगी के लिए अंतःराज्य एवं राज्य के भीतर की गई विशेष मेल व्यवस्था के बारे में जानकारी दी गई। भारत डाक अनिवार्य वस्तुओंकी समय पर प्रदायगी सुनिश्चित करने के लिए कार्गो उड़ानों, पार्सलरेलगाड़ियों और रेड मेल मोटर वाहनों के अपने खुद के बेड़े का उपयोग करता रहाहै।
उन्होंने बताया कि डाक विभाग के सभी कर्मचारियों को सेंसिटाइज किया गया है जिससे किलाॅकडाउन के दौरान दवाओं को भेजने एवं प्राप्त करने में किसी को भी कोईदिक्कत न हो। गुजरात, उप्र, केरल, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल जैसी कईराज्य डाक इकाइयांे ने भारतीय दवा निर्माता संघ, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, आॅनलाइन फार्मास्यूटिकल कंपनियों तथा कोविड-19 टेस्ट किट के सप्लायरों से करार किया है।
संजय धोत्रे ने यह भी कहा कि सरकार के कई विभागों को भी डाकविभाग की मजबूत प्रदायगी प्रणाली की आवश्यकता हो सकती है और अंतर विभागीय समन्वयन डाक विभाग को नए अवसरों की पेशकश कर सकता है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि एईपीएस को डाक विभाग द्वारा व्यापक रूप से लोकप्रिय बनाया जानाचाहिए और डाक प्रभांगों के डिवीजनल प्रमुखों को नकदी की ग्राहकों के द्वारपर प्रदायगी के लिए जिला कलेक्टरों एवं राज्य प्रशासनो के साथ समन्वय करना चाहिए।
मंत्री को ‘पहियों पर डाक घर‘ के बारे में भी जानकारी दी गई जो आवश्यकता के अनुसार मूलभूत डाक सेवाएं देते हुए देश के विभिन्नभागों में कार्य कर रहे हैं। स्वैच्छिक योगदानों एवं लाॅजिस्टिक सेवाएंउपलब्ध कराने के लिए एनजीओ और जिला प्रशासन के साथ साझीदारी करने के जरिय ेडाक विभाग द्वारा वंचित वर्गों को भोजन एवं सूखे राशन की भी आपूर्ति की जारही है। डाक कर्मचारियों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं एवं आम जनता के बीच वितरणके लिए कुछ सर्किलों द्वारा मास्क सिलने का कार्य भी किया जा रहा है।
मंत्रीको कुछ सर्किलों द्वारा व्यक्तिगत रूप से की जाने वाली विभिन्न पहलों केबारे में भी अवगत कराया गया। उदाहरण के लिए, रत्नागिरि में, विभाग बगीचोंसे उत्पादित आमों को चुनने और उनकी अपलोडिंग, परिवहन और गंतव्य स्थानों परउनकी उतराई सहित आम उत्पादक लॉजिस्टिक सेवाएं प्रदान कर रहा है। कर्नाटकमें, उत्पादकों को नगर के भीतर प्रदायगी करने के लिए बंगलुरू जीपीओ में आमके बक्सों की बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सभी प्रदायगियां समयसीमा के भीतर की जा रही हैं। 17 अप्रैल, 2020 को भारतीय डाक के कर्नाटक सर्किल ने ऐसे लोगों के लाभ के लिए जो लॉकडाउन के कारण अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं, एक द्विभाषीय वेब ऐप्लीकेशन ‘ अंचे मित्र‘ लांच किया।
मंत्री ने विभिन्न सर्किलों राज्य इकाइयों को आम लोगों के बीच हेल्पलाइन नंबरों को व्यापक रूप से प्रचारित करने को कहा है जिससे कि वे आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने यह कहते हुएसमापन किया कि प्रत्येक व्यक्ति, खासकर, फील्ड में रहने वाला स्टाफअनिवार्य रूप से मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग एवं सोशल डिस्टैंसिंग नियमोंजैसी हर सावधानी का पालन करे। उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को निचले स्तर के कर्मचारियों का ध्यान रखने का प्रयत्न करना चाहिए और उन्ह ेंप्रोत्साहित रखना चाहिए