एसेट रिस्ट्रक्चरिंग मॉड्यूल एमएसएमई के लिए बहुत जरुरी- मुकेश कुमार शुक्ला

भारत में उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की संख्या सबसे अधिक है और एसेट रिस्ट्रक्चरिंग मॉड्यूल एमएसएमई के लिए वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है यह मॉड्यूल एमएसएमई एवं बैंकों की कार्य प्रणाली के लिए बहुत लाभदायक होगा यह साथी साथ समय की भी बचत करेगा। यह बात पी एच डी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उत्तर प्रदेश चैप्टर ने (एआरएम- माड्यूल)पर एक वर्चुअल सेमिनार समाधान के चेयरमैन मुकेश कुमार शुक्ला ने कही।
सिडबी के महाप्रबंधक राजीव कुमार ने कहा कि सिडबी और उसके सहयोगी, आईएसएआरसी (इंडिया एसएमई एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड) ने एमएसएमई (एआरएम-एमएसएमई) के लिए एक वेब-आधारित एसेट रीस्ट्रक्चरिंग मॉड्यूल विकसित करने की पहल की है यह एमएसएमई के लिए एक स्वचालित ऑनलाइन वेब-पोर्टल है जो कई परिदृश्यों और राहत विकल्पों के पुनरावृत्ति द्वारा अपने पुनर्गठन प्रस्ताव वित्तीय व्यवहार्यता अनुमानों को स्वयं बनाने के लिए है।
इस मॉड्यूल के माध्यम से संबंधित बैंकों के लिए पुनर्गठन प्रस्ताव ऑनलाइन प्रस्तुत किया जा सकता है
यह मॉड्यूल व्यवहार्य माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज के उधारकर्ताओं के लिए है।
एमएसएमई और बैंकों द्वारा इस मॉड्यूल के उपयोग की लागतरू – शून्य है और उसके इसके पोर्टल के बारे में विस्तार में बताया इस पोर्टल के माध्यम से एमएसएमई को मिलने वाले लाभ के बारे में व्यापक चर्चा की।
कैलाश कुमार वरोडिया चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर रिसिवेबल एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड- ने ट्रेड रिसिवेबल डिस्काउंटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह एमएसएमई को लोन उपलब्ध कराने में की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि यह बायर सेलर एवं फिनेंशियल को आपस में जोड़ता है तथा ऑनलाइन एमएसएमई इसको वेबसाइट द्वारा रजिस्टर करने से मिलने वाले लाभों के बारे में बताया।
सुधर्शन किडिया सहयोगी उपाध्यक्ष रेसरजेंट इंडिया लिमिटेड ने बताया आरबीआई द्वारा ऋणदाता के ऋण के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए 3 योजनाएं आई हैं जून 2019 फरवरी 2020 और अगस्त 2020 इन योजनाओं का लाभ वह एम एस एम एस ले सकती हैं जिनका कर्ज 25 करोड़ तक का है और उनके पास एमएसएमई होने का प्रमाण पत्र भी है।
पी एच डी चैंबर के रेजिडेंट डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव, ने इस सत्र का अच्छी तरह से संचालित किया।
सतीश श्रीवास्तव, को- चेयरमैन, पी एच डी चैंबर ने सभी प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को इस सार्थक सत्र के लिए अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया।
वेबिनार में बहुत अच्छी तरह से बातचीत हुई और पी एच डी चैंबर के 1000 से भी अधिक सदस्यों ने भाग लिया।