लखनऊ, वरिष्ठ पत्रकार कमाल खाँ के ईसाल – ए-सवाब के लिए पसमांदा मुस्लिम समाज के बेलदारी लेन स्थिति कार्यालय में कोविड प्रोटोकॉल के तहत बैठक का आयोजन किया गया।इस अवसर पर सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि कमाल खान का सिर्फ एक पत्रकार का जाना नहीं है।उनके जाने से देश की गंगा जमुनी तहजीब अफसोस ज़दा है। देश में गंगा जमुनी तहजीब के पैरोकार तो बहुत मिल जायेंगे लेकिन कमाल खान इस तहजीब को जीने वाली शख्सियत थे।अनीस मंसूरी ने कहा कि कमाल खान को रामायण की ढेरों चौपाइयों याद थीं।अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के समय कमाल खान ने कहा था कि राम को बचपन से लेकर बडी उम्र तक कभी गुस्सा नहीं आया।वह बहुत ठंडे दिमाग से हर बात सुनते थे और फैसला करते थे।जब श्री राम चन्द्र जी को बनवास का आदेश मिला था तो उन्होंने रोष नहीं जताया और 14, वर्षों के बाद जब राजगददी तो चेहरे पर ज़रा भी घमंड नहीं था।अनीस मंसूरी ने अपनी इस रिपोर्ट में यह कहने का साहस किया कि राम चन्द्र जी का विश्व हिन्दू परिषद का राम बिल्कुल अलग है।अनीस मंसूरी ने कहा कि कमाल खान के निधन पर पूरा देश दुःखी है।हम सभी पसमांदा मुस्लिम समाज के लोग अल्लाह पाक से उनकी मगफिरत की दुआ करते हैं।इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईनी, प्रदेश सचिव हाजी शब्बन मंसूरी, मोईनुद्दीन एडवोकेट, और मौलाना शकील, नरेन्द्र सिंह यादव मौजूद रहेबैठक में मौलाना मोहम्मद इलियास नदवी मंसूरी ने कमाल खान के ईसाल- ए-सवाब के लिये दुआ की।